ऐ इश्क़ तेरा हर कोई, अंदाज़ भी क्या खूब हे!
ये हमसफ़र भी खूब हे, ये राहबर क्या खूब हे!
तुझ पे करू में ऐतबार,या करूँ खुद पे यक़ीन,
यार तेरे इश्क़ में भी, मुश्किलें क्या खूब हे!
क्या खूब बोला था कोई, ऐ इश्क़ तेरे वास्ते,
ये ज़ख्म भी क्या खूब हे, ये दर्द भी क्या खूब हे!
खो गया आपा कही, तो क़त्ल भी हो जायेगा,
जो इश्क़ में सर पे चढ़ा हे, ये जुनूं क्या खूब हे!
शायद कही तेरे लिए हो, इश्क़ भी ये ना-गरज़,
क्या करू ये दिल मेंरा भी, नासमज क्या खूब हे!
चल करेंगे कोशिशें कि भूल जायेंगे तुझे!
याद की ये महफिलें दिल में भरी क्या खूब हे!
वासता भी क्या दिया, जाये तुझे ऐ हमसफ़र,
ये गुमाँ क्या खूब हे, मगरूर भी क्या खूब हे!
हा इख़तिला करू दे तुझे, मेरे हसींन अंजाम का,
हे प्यार में मिलने लगी ये, मौत भी क्या खूब हे!
- 'सत्य' शिवम्
ये हमसफ़र भी खूब हे, ये राहबर क्या खूब हे!
तुझ पे करू में ऐतबार,या करूँ खुद पे यक़ीन,
यार तेरे इश्क़ में भी, मुश्किलें क्या खूब हे!
क्या खूब बोला था कोई, ऐ इश्क़ तेरे वास्ते,
ये ज़ख्म भी क्या खूब हे, ये दर्द भी क्या खूब हे!
खो गया आपा कही, तो क़त्ल भी हो जायेगा,
जो इश्क़ में सर पे चढ़ा हे, ये जुनूं क्या खूब हे!
शायद कही तेरे लिए हो, इश्क़ भी ये ना-गरज़,
क्या करू ये दिल मेंरा भी, नासमज क्या खूब हे!
चल करेंगे कोशिशें कि भूल जायेंगे तुझे!
याद की ये महफिलें दिल में भरी क्या खूब हे!
वासता भी क्या दिया, जाये तुझे ऐ हमसफ़र,
ये गुमाँ क्या खूब हे, मगरूर भी क्या खूब हे!
हा इख़तिला करू दे तुझे, मेरे हसींन अंजाम का,
हे प्यार में मिलने लगी ये, मौत भी क्या खूब हे!
- 'सत्य' शिवम्
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